Papa par Kavita by Sachin Kumar |Poetrywithkhwaab
Hello guys welcome to our blog page. Today's topic is about Poetry on father in hindi. Guys if you love to read Poetry, quotes, shayari so stay connected with us.
Papa par Kavita |
Pitaa
जिस पेड़ की छांव में ज़िन्दगी गुज़ार दी हमने, उसने कभी शिकायत नहीं की
मौसम बदलते रहे कड़कती धूप, भयानक तूफ़ान
मगर वो खड़ा रहा, इसलिए की उसके पास कोई विकल्प नहीं था
वो पिता उस पेड़ सा आज भी खड़ा है, छांव दे रहा है
उसकी क्षमताएं जवाब दे चुकी हैं लेकिन अपने दर्द छुपाकर ज़िन्दगी से वो आज भी लड़ रहा है
जिसके कन्धों पे दुनिया देखी थी मैनें, उन कन्धों ने
ताउम्र बोझ उठाया, कहते हैं माँ 9 महीने पेट में बोझ
उठाये रखती है, लेकिन उम्र भर जो दिमाग में ढोता है वो पिता होता है
सबके सामने जो लबों पे मुस्कान रखता है असल में जो दिल से रोता है वो पिता होता है
जिसके होने से घर में रौनक होती है और ना हो तो अँधेरा होता है
वो पिता होता है जिसका होना उसके घर का सवेरा होता है
कोई किताब पिता की कहानी को कभी मुकम्मल नहीं कर सकती, पिता वो शख्स है जो अपने परिवार की नाव को कभी डूबने नहीं देता
पिता वो शख्स है जो अपने सपने रौंदकर अपनों की खुशियों का ख्याल रखता है
जिसकी मौजूदगी उसके बच्चों का गहना होता है
पिता वो शख्स है जो खुद टूटकर अपनों की हिफाज़त करता है
कोई किताब एक पिता की कहानी को कभी मुकम्मल नहीं कर सकती बस, चन्द लफ़्ज़ों में उसकी तारिफ कर सकती है
मैं हमेशा उनसे खिलौनों की ज़िद करता रहा लेकिन इससे भी बढ़कर उनका घर आना, मेरे लिए सबसे बड़ा तोहफा होता, दिल में एक अलग ही उत्साह होता सबसे कहता आज मेरे पापा आये हैं
अपने ही घर में वो मेहमान बनकर आते, कुछ दिन रुकते और फिरसे काम पर चले जाते
मुझे उनके आने का बेसब्री से इंतज़ार रहता
आज मेरे पास उनकी तारीफ़ के लिए कोई अलफ़ाज़ नहीं हैं, पिता शब्द अपने आप में ही एक दुनिया है
जिसने मुझे लिखा है, मेरी क्या मजाल मैं उसको लिखने की कोशिश भी करूँ
घर के हालातों ने कभी मौका ही नहीं दिया की इत्मीनान से बैठकर उनसे बातें कर सकूँ, उनकी कहानी सुन सकूँ
कुछ किस्से माँ से सुनें हैं, अब इंतज़ार है उनकी ज़बानी सुनूँ !
एक सहर उनकी तबियत भारी थी, कैसे कहते बीमार हूँ मैं घर की ज़िमेदारी थी
बिस्तर से उठे और चल दिए काम पर, हम सब खुश रह सकें इसलिए वो शख्स सब कुछ झेल जाता है
खुद की परवाह किये बिना हर विघ्न में लड़ जाता है
दुनिया का अमीर से अमीर शख्स भी बगैर पिता के गरीब है
उसकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता !
मेरा जीना व्यर्थ होगा अगर मैं उनका सहारा ना बन सका, मेरा जीना व्यर्थ होगा अगर उनके सपने मैं पूरे ना कर सका
ज़िन्दगी से लड़ना उन्होंने मुझे बखूबी सिखाया है
मेरा जीना व्यर्थ होगा अगर मैं उनकी सिखायी बातों
को मैं जीवन में उतार ना सका
पिता वो पेड़ है जिसकी शाखाओं में झूला झूला है हमने, जिसके कन्धों पे ये जहाँ देखा है हमने
वो हैं तो हम हैं, वो नहीं तो हम भी नहीं !
Father quotes |
Papa par Kavita by Sachin Kumar
मैनें एक दिन पूछा था पिता से
आपको रोना नहीं आता,
उन्होंने कहा था, जब तुम पिता
बनोगे, तो जान जाओगे !!
ये दुनिया मुझे कब की मार चुकी
होती, अगर पापा आप ना होते
कितना भी कोशिश कर लो, माँ पापा
का क़र्ज़ तुम उम्र भर नहीं चूका सकते
उनकी सेवा में हमेशा लगे रहिये
यही तुम्हारा कर्म है !
पापा को कभी आपने रोते नहीं देखा होगा
कभी अपने कामों से फुर्सत मिले तो
ज़रूर उनका हाल जान लिया करो
Guys thank you so much for visiting our blog. Agar aapko aisi hi achhi achhi post padhna chahte hain to hamare blog page Ko zaroor like kijiyega. Aur social media pe hamse zaroor judiyega. Thank you again for visiting 'Poetrywithkhwaab'
0 Comments